
बोर्ड परीक्षाएं नज़दीक आ रहीं हैं ।ऐसे में बच्चे थोड़ा पढ़ाई के लिए चिंतित होने लगते हैं ।बच्चे अपना सारा समय पढ़ाई को देने लगते हैं ।ऐसे में माता पिता को चाहिए कि वो अपने बच्चों का इस वक़्त विशेष ध्यान रखें ।घर पर इस तरह का शांत वातावरण रखें ताकि बच्चे बिना किसी अड़चन के अपनी पढ़ाई कर सके।ऐसे समय पर पेरेंट्स को अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ।
इन कुछ ख़ास बातों का अगर पेरेंट्स ध्यान रखेंगे तो बच्चे बिना चिंता के ,बहुत आसानी से अपनी परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देंगे
1. बच्चों को हल्का ,पौष्टिक भोजन दें-

बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चों का ध्यान एकाग्र चित्त होना चाहिए। ऐसे में बच्चे अगर बच्चे तला भुना, तैलीय चीजे, जंक फूड आदि खाते हैं तो सारा दिन उनका आलस्य से भरा रहता है । दिन भर नींद आती रहती है ।चिड़चिड़ापन, पढ़ाई में मन न लगना आदि समस्याएं बच्चों को हो सकती है ।अतः पैरेंट्स को चाहिए बच्चों को हल्का और पौष्टिक भोजन दें जिससे उनका पूरा दिन जोश से भरा रहेगा और वह मन लगाकर पढ़ाई कर सकेंगे।
बोर्ड परीक्षा देने जाते वक़्त भी माता पिता को चाहिए कि बच्चे ख़ाली पेट घर से न जाए। हल्का व पौष्टिक भोजन करके जाए जिससे परीक्षाओं के दौरान भी बच्चे एकाग्रचित्त होकर परीक्षा दे सके।
2. बच्चे पर्याप्त नींद लें-
माता पिता को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनका बच्चा परीक्षाओं के दौरान पर्याप्त नींद ले रहा है इसलिए घर पर शान्त वातावरण रखें ।परीक्षाओं के दौरान बच्चे पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं जिस वजह से अगले दिन वह पेपर ध्यान केंद्रित करके नहीं दे पाते हैं ।
अतः पैरेंट्स को अपने बच्चों को अच्छी नींद की प्राथमिकता समझानी चाहिए ।उन्हें समझाएँ की नींद कितना ज़रूरी है ।परीक्षा से पहले भरपूर नींद लेने से उनका शरीर और मस्तिष्क दोनों स्वस्थ रहते हैं ।उन्हें समझाएँ कि अगर उन्हें परीक्षाओं के दौरान अपने दिमाग़ का सौ प्रतिशत इस्तेमाल करना है तो उसके लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत ज़रूरी है।
3.बेवजह तुलना न करें –
अक्सर देखा गया है कि पैरेंट अपने बच्चों की तुलना आस पड़ोस के बच्चों या उनके रिश्तेदार के बच्चों से करने लगते हैं ।देखो ये इनका बच्चा तो board exam की इतनी तैयारी कर रहा है इतना मन लगा के पढ़ रहा है और हमारा बच्चा तो बिलकुल ही नहीं पढ़ता ।इस तरह की बेवजह तुलना न करें । आपका बच्चा भी board exam के लिए चिंतित है और मन लगाके तैयारी कर रहा है ।इसलिए इस तरह की नकारात्मक बातें कर के बच्चों का मन न दुखाए । बेवजह तुलना करने से उनके मन में नकारात्मक भावना आयेगी जो कि सही नहीं है।
4.अपना तनाव बच्चों में स्थानांतरित न करें –

board exam में बच्चे ही नहीं अपितु उनके माता पिता भी तनाव में रहने लग जाते हैं उन्हें यह फिक्र सताने लग जाती है कि उनका बच्चा कैसे मार्क्स लेकर आएगा ।इस तरह की चिंता न करें क्योंकि अगर आप इस तरह की चिंता करेंगे तो जाने अनजाने कहीं न कहीं आप अपना तनाव बच्चों में स्थानांतरित करेंगे ।बोर्ड परीक्षाएं अगर बच्चे ख़ुश हो के,बिना तनाव ,के देंगे तो उनकी बोर्ड परीक्षाएं बहुत अच्छी जाएंगी और मार्क्स भी अपने आप ही अच्छे आएंगे ।
5. बच्चों में अनावश्यक दबाव न डालें-
बहुत सारे माता पिता अपने बच्चे पर मार्क्स के लिए बहुत दबाव डालते हैं। ये दबाव डालना सही नहीं है क्योंकि इन मार्क्स से आपके बच्चों का भविष्य तय नहीं होता है |अपने बच्चों को भी यह समझाएँ कि वह इन परीक्षाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे और अगर कहीं गलती हो जाती है तो घबराने की बात नहीं है ये सिर्फ़ एक दूसरी कक्षा में जाने का एक माध्यम है ,ज़िंदगी का एक पड़ाव है इसे पूरी ज़िंदगी न बनाएँ ।
6. घर में शांति और ख़ुशहाली का माहौल बना के रखें-
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान घर में शांति और ख़ुशहाली का माहौल रहना चाहिए ।पहले से ही आपका बच्चा तनाव में हैं ।अगर घर में भी तनाव या किसी तरह का टेंशन या कुछ भी रहेगा तो बच्चे उस तनाव से उभर नहीं पाएंगे और वो तनाव में ही एग्जाम देंगे । बहुत सारे बच्चों को exam anxiety होने लगती है ,ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वो अपने घर का तनाव बच्चों को न दे।
7.बच्चों से वार्तालाप करें –
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बच्चे वैसे ही तनाव में रहते हैं ।अगर वो कुछ समय अपने आप को रिलैक्स करने के लिए निकालें जैसी थोड़ा टाइम TV देख रहे हैं या फिर phone देख रहे हैं तो उन्हें डांटे नहीं ।क्योंकि हर वक़्त पढ़ाई के लिए बैठे रहना बहुत मुश्किल है।
अपने बच्चे को थोड़ा रिलैक्स होने के लिए टाइम दें ।परीक्षाओं के दौरान बच्चों को डांटना नहीं चाहिए । इससे बच्चों का दिन अच्छा नहीं जाता है अगर बच्चों को डांटा तो जितना उनको पढ़ना है वह उतना भी नहीं पढ़ पाएंगे।नकारात्मक सोच में रहेंगे।
इसलिए दिन में थोड़ा समय बच्चों से बातचीत करने के लिए निकाले।उनसे पूछें कि उनके एग्जाम कैसे जा रहे हैं ।उनका दिन कैसे जा रहा है । exam के लिए उनकी स्ट्रैटिजी क्या है। उन्हें विश्वास दिलाएँ कि आप उनके साथ हैं।
8.अपना कुछ समय बच्चों के साथ व्यतीत करें –

भले ही आप ऑफिस से थक हार के आए हैं लेकिन कुछ समय बच्चों के साथ बैठे। उन्हें अपना स्नेह दिखाएं क्योंकि दिन भर किताबों के बीच में रहकर , बच्चे तनाव में रहने लगते हैं ।अगर उस समय आप बच्चों के साथ कुछ वक़्त बिताएंगे ।उनसे बातें करेंगे तो उनका दिल ख़ुश हो जाएगा और वो फिर मन लगा कि फिर से पढ़ सकेंगे ।
9. कामकाजी महिलाएँ इस समय हो पाए तो छुट्टी लें-
हो सकता है ये आप लोगों के लिए महज़ एक बोर्ड परीक्षाएं हो ।लेकिन एक बच्चे के लिए बोर्ड परीक्षाओं की महत्ता बहुत ज़्यादा होती है ।वो पूरा दिन यही सोचता रहता है कि कैसे वह पढ़ाई करे और अच्छे मार्क्स लाए। आपके बच्चे को इस समय भावनात्मक रूप से आपकी आवश्यकता है ।अगर parents में से कम से कम एक जन माता या पिता अपने काम से छुट्टी ले पाए ,तो ज़रूर लें ।
10.exam एक ख़ुशी का दिन है-
हमेशा exam को एक ख़ुशी के दिन की तरह मनाना चाहिए। आपका बच्चा अपनी कक्षा का एक पड़ाव पार कर रहा है इसलिए यह एक ख़ुशी का दिन होना चाहिए।
अपने बच्चे को भी समझाएँ कि exam बॉरिंग नहीं है। इसमें खुशियां ढूंढें और एग्ज़ाम्स को आनंदमय बनाएँ।
